हमारा देश भारत एक पूर्णत: लोकतान्त्रिक देश है संसद का हर एक अंग अपना कार्य करने के लिए स्वतंत्र होता है | सविंधान में एसे बहुत से शब्द है जिनका लोगो को नॉलेज नहीं होता जिनमे से एक है अध्यादेश | बहुत से लोग इसको एक साधारण कानून के रूप में जानते है जो की संसद के द्वारा पारित किया जाता है | लेकिन अध्यादेश भी एक कानून ही होता है लेकिन इसे संसद की अनुपस्थिति में जारी किया जाता है | आज की post में हम आपको विस्तार से बताएँगे की अध्यादेश किसे कहते है और अध्यादेश कितने समय तक प्रभावी रहता है |
अध्यादेश किसे कहते है ? और यह कब जारी किया जाता है ?
अध्यादेश को इंग्लिश में ordinance कहा जाता है।
मुख्यत: जब भी सविंधान में कोई बदलाव होता है या फिर कोई नया कानून बनता है तो उसके लिए संसद की मीटिंग बैठती है जिसमे सभी पक्षों के उमीदवार बैठते है और उस बदलाव या नये कानून का bill पेश किया जाता है | पेश किये गये bill को संसद में पढ़ा जाता हैं और उस पर तर्क-वितर्क करके एक पूर्ण बहुमत के आधार पर बाद में उसे पास किया जाता है और अंत में राष्ट्रपती के हस्ताक्षर होने के बाद कानून बना दिया जाता है |
लेकिन जब किसी कारण से संसद की बैठक न हो और संसद का सत्र न चल रहा हो तो उस स्थित में कोई कानून बनाना हो तो केन्द्रीय मंत्रीमंडल की बैठक बुलाकर राष्ट्रपती की सहमती से जब कोई कानून बनाया जाता है हो उसे अद्यादेश कहा जाता है |
साधारण भाषा में जाने तो “वे कानून जो संसद की अनुपस्थिति में केन्द्रिय मंत्रिमंडल की सिफारिश पर राष्ट्रपती के द्वारा पारित किये जाते है अध्यादेश कहलाते है “. अध्यादेश भी संसद के द्वारा पारित किये गये कानून के समान उतरदायी व प्रभावी होते है |
अध्यादेश की अवधि कितनी होती है ?
अध्यादेश को पारित होने के कुछ समय तक ही प्रभावी होता है जिसको बाद में संसद में पेश करना अनिवार्य है जिस पर बाद में बहुमत के आधार पर कानून बना दिया जाता है |
अध्यादेश को पारित होने के 6 सप्ताह से 6 महीने के अन्दर संसद में पेश करना होता है जहा संसद के सदन लोकसभा और राज्यसभा उस पर विचार करते है और अगर वहा से इसको पूर्ण बहुमत के साथ approval मिल जाता है तभी संसद इसे कानून के रूप में पारित किया जाता है |
अगर अध्यादेश को संसद में पारित किया जाता है और किसी वजह से किसी एक सदन सहमती नहीं मिलती है या फिर बहुमत का आभाव हो तो एसी स्थिति में उस अध्यादेश को निष्प्रभावी कर दिया जाता है और उसकी सभी कार्यविधि को रोक दिया जाता है |
भारतीय सविधान में मुख्यमंत्री को संसद का मुखिया माना जाता है लेकिन अनुछेद 123 में राष्ट्रपती को अध्यादेश जारी करने का विशेषाधिकार दिया गया है जिसमे वो अपने केन्द्रीय मंत्रीमंडल की राय व सिफारिश के आधार पर अध्यादेश जारी कर सकता है | राष्ट्रपती कभी भी अपनी स्वेच्छा से इसका फायदा नहीं उठा सकता उसे इसके लिए अपने मंत्री मंडल की राय लेना जरुरी होता है |
अध्यादेश कब जारी किया जाता है
देश में कई बार कुछ इसी स्थिती आ जाती है जिसमे संसद पूर्ण रूप से प्रभावी नहीं होती है या फिर संसद का सत्र नहीं होता है एसी स्थिति में देश को चलाने या फिर किसी कानून के पूर्ण रूप से प्रभावी ना होने के कारण राष्ट्रपती केन्द्रीय मंत्री मंडल की सिफारिश पर अद्यादेश जारी करता है |
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अध्यादेश जारी होने के तुरंत बाद उसका कढाई से पालन किया जाता है और संसंद में पेश होने तक पुरे देश में एकसमान लागु कर दिया जाता है |
दोस्तों आज की इस article में आपने जाना की अध्यादेश क्या होता है और अध्यादेश कब जारी किया जाता है | अगर आपको मेरी यह जानकारी
अध्यादेश से जुड़े कुछ सवाल
अक्सर लोगो के अध्यादेश से सम्बंधित निम्न सवाल होते है :